सोsहं का तात्पर्य होता है
" बाहर ब्रह्मांड में जो कुछ है वह मै ही हूं"
इस मंत्र का जाप आप चौबीसों घंटे अपनी हर सांस के साथ कर सकते हैं.
इस मंत्र से जहां आपको मानसिक शांति मिलेगी वहीं धीरे धीरे आध्यात्मिक शक्तियों का भी विकास होगा.
श्वास लेते समय अंदर आती सांस को महसूस करते हुए "सो" का उच्चारण बिना आवाज के करें.
श्वास छोडते समय बाहर जाती सांस को महसूस करते हुए "हम" का उच्चारण बिना आवाज के करें.