इस महामंत्र को मंत्रराज तथा महामंत्र उपधितन प्राप्त हैं ! इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति साकेत लोक प्राप्त करता है ! यह मंत्र श्री राम से प्रारंभ होने वाली गुरु परंपरा से चलता आ रहा है ! श्री राम इसके अद्धिष्ठाता देव हैं ! यह श्री वैष्णव संप्रदाय का मंत्र है जिसके परम आचार्य श्री जगद्गुरु रामनान्दचार्य रहें है !
मंत्र: ----रां रामाय नमः !!
मंत्र: ----रां रामाय नमः !!
राम जी ने यह महामंत्र सीता जी को दिया, सीताजी ने हनुमान को, हनुमान नें ब्रह्मा जी को, ब्रह्मा नें वाशिष्ट, वाशिस्ट नें पराशर को, व्यास, शुकदेव से होती हुए इसमें जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने स्वामी राघवानंद से मंत्र दीक्षा स्वीकार की
रामानान्दः स्वयम रामः प्रादुर्भूतो महीतले
अर्थात रामानंदाचार्य स्वयं श्री पूर्ण पुरुषोत्तम राम जी के अवतार थे ! ब्रह्माण्ड के द्वादश आचार्य रामानंद के शिष्य के रूपा में अवतरित हुए तथा इस संप्रदाय का चतुर्दिक विकास किया !
नोट: यह मंत्र अपना प्रभाव केवल गुरु द्वारा प्राप्त हो तभी कार्य करती है। वो भी उस गुरु के द्वारा जिस गुरु को मंत्र देने का आदेश हो। अन्यथा यह मंत्र व्यर्थ होता है।
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सुनील भगत
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