मंगलवार, 7 जुलाई 2015

जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव:-

१.अश्विनी नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव:-ज्योतिषशास्त्र के अन्तर्गत बताया गया है कि नक्षत्रों की कुल संख्या२७ है विशेष परिस्थिति में अभिजीत को लेकर इनकी संख्या २८ हो जाती है। गोचरवश नक्षत्र दिवस परिवर्तित होता रहता है। ज्योतिष सिद्धान्त के अनुसार हर नक्षत्र का अपना प्रभाव होता है। जिस नक्षत्र में व्यक्ति का जन्म होता है उसके अनुरूप उसका व्यक्तित्व, व्यवहार और आचरण होता है। नक्षत्रों में सबसे पहला अश्विनी होता है इस नक्षत्र में जिनका जन्म होता है वे कैसे होते हैं आइये इसे जानें:ज्योतिषशास्त्र में अश्विनी नक्षत्र को गण्डमूल नक्षत्रों के अन्तर्गत रखा गया है। इस नक्षत्र का स्वामी केतुदेव हैं। इस नक्षत्र में उत्पन्न होने वाले व्यक्ति बहुत ही उर्जावान होते हैं। ये सदैव सक्रिय रहना पसंद करते हैं इन्हें खाली बैठना अच्छा नहीं लगता, ये हमेशा कुछ न कुछ करते रहना पसंद करते हैं। इस नक्षत्र के जातक उच्च महत्वाकांक्षा से भरे होते हैं, छोटे-मोटे काम से ये संतुष्ट नहीं होते, इन्हें बड़े और महत्वपूर्ण काम करने में मज़ा आता है।अश्विनी नक्षत्र में जिनका जन्म होता है वे रहस्यमयी होते हैं। इन्हें समझपाना आमजनो के लिए काफी मुश्किल होता है। ये कब क्या करेंगे इसका अंदाज़ा लगाना भी कठिन होता है। ये जो भी हासिल करने की सोचते हैं उसे पाने के लिए किसी भी हद तक जाने से नहीं डरते। ये इस प्रकार के कार्य कर जाते हैं जिसके बारे में कोई अंदाज़ा भी नहीं लगा पाता। इनके स्वभाव और व्यक्तित्व की एक बड़ी कमी है कि इनमें उतावलापन बहुत होता है। ये किसी बात पर बहुत जल्दी गुस्सा करने लग जाते हैं। इनके व्यक्तित्व की एक बड़ी कमी यह है कि ये काम को करने से पहले नहीं सोचते अपितु बाद में उस पर विचार करते हैं। जो भी इनसे शत्रुता करता है उनसे बदला लेने में ये पीछे नहीं हटते, अपने दुश्मनों को पराजित करना इन्हें अच्छी तरह आता है। इस नक्षत्र के जातक को दबाव या ताकत से वश में नहीं किया जा सकता। ये प्रेम एवं अपनत्व से ही वश में आते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति उत्तम एवं आदर्श मित्र होते हैं ये छल कपट से दूर रहते हैं तथा सच्ची मित्रता निभाते हैं, ये अपने मित्र के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। ये यूं तो बाहर से सख्त दिखते हैं परंतु भीतर से कोमल हृदय के होते हैं। इन व्यक्तियों का बचपन संघर्ष में गुजरता है। ये अपनी धुन के पक्के होते हैं, जो भी तय कर लेते हैं उसे पूरा करके दम लेते हैं।

२. भरणी नक्षत्र के जातक का व्यक्तित्व:- 
नक्षत्रों की कड़ी में भरणी को द्वितीय नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है। जो व्यक्ति भरणी नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे सुख सुविधाओं एवं ऐसो आराम चाहने वाले होते हैं। इनका जीवन भोग विलास एवं आनन्द में बीतता है। ये देखने में आकर्षक व सुन्दर होते हैं। इनका स्वभाव भी सुन्दर होता है जिससे ये सभी का मन मोह लेते हैं। इनके जीवन में प्रेम का स्थान सर्वोपरि होता है। इनके हृदय में प्रेम तरंगित होता रहता है ये विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के प्रति आकर्षण एवं लगाव रखते हैं।भरनी नक्षत्र के जातक उर्जा से परिपूर्ण रहते हैं। ये कला के प्रति आकर्षित रहते हैं और संगीत, नृत्य, चित्रकला आदि में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। ये दृढ़ निश्चयी एवं साहसी होते हैं। इस नक्षत्र के जातक जो भी दिल में ठान लेते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। आमतौर पर ये विवाद से दूर रहते हैं फिर अगर विवाद की स्थिति बन ही जाती है तो उसे प्रेम और शान्ति से सुलझाने का प्रयास करते हैं। अगर विरोधी या विपक्षी बातों से नहीं मानता है तो उसे अपनी चतुराई और बुद्धि से पराजित कर देते हैं।जो व्यक्ति भरणी नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे विलासी होते हैं। अपनी विलासिता को पूरा करने के लिए ये सदैव प्रयासरत रहते हैं और नई नई वस्तुएं खरीदते हैं। ये साफ सफाई और स्वच्छता में विश्वास करते हैं। इनका हृदय कवि के समान होता है। ये किसी विषय में दिमाग से ज्यादा दिल से सोचते हैं। ये नैतिक मूल्यों का आदर करने वाले और सत्य का पालन करने वाले होते हैं। ये रूढ़िवादी नहीं होते हैं और न ही पुराने संस्कारों में बंधकर रहना पसंद करते हें। ये स्वतंत्र प्रकृति के एवं सुधारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले होते हैं। इन्हें झूठा दिखावा व पाखंड पसंद नहीं होता।इनका व्यक्तित्व दोस्ताना होता है और मित्र के प्रति बहुत ही वफादार होते हैं। ये विषयों को तर्क के आधार पर तौलते हैं जिसके कारण ये एक अच्छे समालोचक होते हैं। इनकी पत्नी गणवंती और देखने व व्यवहार मे सुन्दर होती हैं। इन्हें समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।

३.पहली नज़र के प्यार पर नहीं करते ऐतबार कृतिका नक्षत्र के जातक:-
ज्योतिषशास्त्र में नक्षत्रों को काफी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। जब भी किसी व्यक्ति के जीवन के सम्बन्ध में कोई भविष्यवाणी करनी होती है तब ग्रह स्थिति, राशि आदि के साथ नक्षत्रों का भी आंकलन किया जाता है। नक्षत्र न केवल भविष्य को दर्शाते हैं वरन इंसान के व्यक्तित्व को भी उजागर करते है।ज्योतिषशास्त्री यहां तक कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति का स्वभाव कैसा है, उसका व्यक्तित्व एवं उसकी जीवन शैली किस प्रकार की है यह व्यक्ति के जन्म के समय नक्षत्रों की स्थिति को देखकर जाना जा सकता है। नक्षत्रों का व्यक्तित्व पर प्रभाव की कड़ी में हम यहां नक्षत्रों की गणना में तीसरे स्थान पर रहने वाले नक्षत्र कृतिका की बात करते हैं।सूर्यदेव को कृतिका नक्षत्र का स्वामी माना जाता है । इन नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर सूर्य का प्रभाव रहता है। सूर्य के प्रभाव के कारण ये आत्म गौरव से परिपूर्ण होते हैं। ये स्वाभिमानी होंते हैं और तुनक मिज़ाज भी, छोटी-छोटी बातों पर ये उत्तेजित हो उठते हैं और गुस्से से लाल पीले होने लगते हैं। इस नक्षत्र के जातक उर्जा से परिपूर्ण होते हैं और दृढ़ निश्चयी होते हैं जो बात मन में ठान लेते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं।कृतिका नक्षत्र में पैदा लेने वाले मनुष्य लगनशील होते हैं, जिस काम को भी अपने जिम्मे लेते हैं उसमें परिश्रम पूर्वक जुटे रहते हैं। ये नियम के पक्के होते हैं, किसी भी स्थिति में नियम और सिद्धांत से हटना पसंद नहीं करते। इस नक्षत्र के  जातक सरकारी क्षेत्र में प्रयास करते हैं तो इन्हें अच्छी सफलता मिलती है। शारीरिक रूप से ये स्वस्थ और सेहतमंद रहते हैं। ये व्यवसाय की अपेक्षा नौकरी में अधिक कामयाब होते हैं। इनके जीवन में इनका सिद्धांन्त, जीवनमूल्य काफी अहम होता है। अपने सिद्धांत और आदर्शवादिता के कारण समाज में इन्हें काफी मान सम्मान मिलता है। ये समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में आदर प्राप्त करते हैं।जो व्यक्ति इस नक्षत्र में पैदा होते हैं वे महत्वाकांक्षी होते हैं। ये नौकरी में हों  अथवा व्यवसाय में अपना प्रभुत्व बनाये रखते हें, इस नक्षत्र के जातक अगर सरकारी नौकरी में होते हैं तो पूरे दफ्तर पर नियंत्रण बनाये रखते हैं। इनकी मित्रता का दायरा बहुत छोटा होता है क्योंकि ये लोगों से अधिक घुलते मिलते नहीं हैं परंतु जिनसे मित्रता करते हैं उनकी मित्रता को दिलोजान से निभाते हैं। शत्रुओं के प्रति इनका व्यवहार काफी सख्त़ होता है। ये जीवन में कभी भी हार नहीं मानते हैं और शत्रुओं को पराजित करने की क्षमता रखते हैं।ये प्रेम सम्बन्धों के मामले से दूर रहना पसंद करते हैं। इनकी संतान कम होती है, परंतु पहली संतान गुणवान व यशस्वी होती है। पत्नी से इनके सम्बन्ध सामान्य रहते हैं।

४.भावुक और संवदेनशील होते हैं रोहिणी नक्षत्र के जातक:-
हर इंसान के व्यक्तित्व पर नक्षत्रों का प्रभाव” इस कड़ी में हम रोहिणी नक्षत्र पर चर्चा करेंगे। ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार रोहिणी चारों चरणों में वृषभ राशि में होता है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनका व्यक्तित्व कैसा होता है चलिए देखते हैं। चन्द्रमा को रोहिणी नक्षत्र का स्वामी कहा जाता है। इस नक्षत्र में जिनका जन्म होता है वे कल्पना की ऊंची उड़ान भरने वाले होते हैं। वे अपनी कल्पना की दुनियां में खुश रहना पसंद करते हैं। इनका मन हिरण के समान चंचल होता है, किसी विषय पर देर तक विचार करना और मुद्दे पर कायम रहना इनके लिए कठिन होता है। कला के प्रति इनमें गहरी अभिरूचि होती है ये संगीत, नृत्य, चित्रकारी, शिल्पकला आदि में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इनका स्वभाव मधुर और प्रेम से ओत प्रोत रहता है। इनका जीवन सुखमय रहता है, ये सभी प्रकार के सांसारिक सुखों का आनन्द लेते हैं। अगर ये प्रयास करें तो जीवन में निरंतर आगे की ओर बढ़ते रहते हैं। ये जिस विभाग या क्षेत्र में होते हैं उसमें उच्च पद तक जाते हैं। विपरीत लिंग वालों के प्रति इनमें विशेष आकर्षण देखा जाता है, इनका जीवन रोमांस से भरपूर होता है।रोहिणी नक्षत्र के जातक सरकारी विभाग में हों या व्यवसाय में दोनों ही जगहों पर ये प्रसिद्धि और यश प्राप्त करते हैं  इन्हें माता से पूरा सहयोग मिलता है और प्रेम प्राप्त होता है, मां के साथ इस नक्षत्र के जातक का विशेष लगाव रहता है। ये हृदय से भावुक और संवदेनशील होते हैं, भावनाओं पर नियंत्रण रखना इनके लिए अच्छा रहता है। ये जितने कल्पनाशील होते हैं, उसके अनुरूप अगर कल्पना को यथार्थ बनाने का प्रयास करें तो काफी आगे जा सकते हैं अन्यथा कल्पना रेत के महल बनकर रह जाते हैं। इनके जीवन में स्थायित्व की कमी पायी जाती है क्योंकि ये चींजों में परिवर्तन करते रहते हैं। इन्हे यात्रा करना, सैर सपाटा करना काफी अच्छा लगता है, परंतु अपने घर के प्रति भी बहुत लगाव रखते हैं। जीवन साथी के प्रति आकर्षण और हृदय से लगाव रहने के कारण इनका वैवाहिक जीवन बहुत ही सुखमय और आनन्दमय रहता है। ये अपने मन पर बोझ लेकर नहीं चलते हैं इसलिए हमेशा प्रसन्न और खुश रहते हैं। इनके बच्चे समझदार और नेक गुणों वाले होते हैं। अपने नेक और सुन्दर व्यवहार के कारण ये समाज और अपने परिवेश में आदर व सम्मान प्राप्त करते हैं।   

५.बहादुर होते हैं मृगशिरा नक्षत्र के जातक:-
वैदिक ज्योतिष में मूल रूप से २७ नक्षत्रों का जिक्र किया गया है। नक्षत्रों के गणना क्रम में मृगशिरा नक्षत्र का स्थान पांचवां है । इस नक्षत्र पर मंगल का प्रभाव रहता है क्योंकि इस नक्षत्र का स्वामी मंगलदेव  होते है।जैसा कि हम आप जानते हैं व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उसके स्वभाव पर उस नक्षत्र विशेष का प्रभाव रहता है। नक्षत्र विशेष के प्रभाव से व्यक्तित्व का निर्माण होने के कारण ज्योतिषशास्त्री जन्म कुण्डली में जन्म के समय उपस्थित नक्षत्र के आधार पर व्यक्ति के विषय में तमाम बातें बता देते हैं। जिनके जन्म के समय मृगशिरा नक्षत्र होता है अर्थात जो मृगशिरा नक्षत्र में पैदा होते हैं उनके विषय में ज्योतिषशास्त्री कहते हैं,मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल होता है। जो व्यक्ति मृगशिरा नक्षत्र में जन्म लेते हैं उन जातकों पर मंगलदेव  का प्रभाव देखा जाता है यही कारण है कि इस नक्षत्र के जातक दृढ़ निश्चयी होते हैं । ये स्थायी काम करना पसंद करते हैं, ये जो काम करते हैं उसमें हिम्मत और लगन पूर्वक जुटे रहते हैं। ये आकर्षक व्यक्तित्व और रूप के स्वामी होते हैं।ये हमेशा सावधान एवं सचेत रहते हैं। ये सदा उर्जा से भरे रहते हैं, इनका हृदय निर्मल और पवित्र होता है। अगर कोई इनके साथ छल करता है तो ये धोखा देने वाले को सबक सिखाये बिना दम नहीं लेते। इनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है लोग इनसे  मित्रता करना पसंद करते हैं। ये मानसिक तौर पर बुद्धिमान होते और शारीरिक तौर पर तंदरूस्त होते हैं। इनके स्वभाव में मौजूद उतावलेपन के कारण कई बार इनका बनता हुआ काम बिगड़ जाता है या फिर आशा के अनुरूप इन्हें परिणाम नहीं मिल पाता है। ये संगीत के शौकीन होते हैं, संगीत के प्रति इनके मन में काफी लगाव रहता है। ये स्वयं भी सक्रिय रूप से संगीत में भाग लेते हैं परंतु इसे व्यवसायिक तौर पर नहीं अपनाते हैं। इन्हें यात्रओं का भी शौक होता है, इनकी यात्राओं का मूल उद्देश्य मनोरंजन होता है। कारोबार एवं व्यवसाय की दृष्टि से यात्रा करना इन्हें विशेष पसंद नहीं होता है।व्यक्तिगत जीवन में ये अच्छे मित्र साबित होते हैं, दोस्तों की हर संभव सहायता करने हेतु तैयार रहते हैं। ये स्वाभिमानी होते हैं और किसी भी स्थिति में अपने स्वाभिमान पर आंच नहीं आने देना चाहते। इनका वैवाहिक जीवन बहुत ही सुखमय होता है क्योंकि ये प्रेम में विश्वास रखने वाले होते हैं। ये धन सम्पत्ति का संग्रह करने के शौकीन होते हैं। इनके अंदर आत्म गौरव भरा रहता है। ये सांसारिक सुखों का उपभोग करने वाले होते हैं। मृगशिरा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति बहादुर होते हैं ये जीवन में आने वाले उतार चढ़ाव को लेकर सदैव तैयार रहते हैं                   

६.आर्द्रा नक्षत्र के जातकव्यक्तित्व:-
इस नक्षत्र की राशि मिथुन होती है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उन पर जीवनभर राहु देव और बुधदेव  का प्रभाव रहता है। राहुदेव और बुधदेव के प्रभाव के कारण व्यक्ति का जीवन, स्वभाव और व्यक्तित्व किस प्रकार होता है चलिए इसकी खोज करते हैं।शायद आपको पता होगा कि राहुदेव के प्रभाव से  जातक  को राजनीतिक क्षेत्र  के हर प्रकार से विजय प्राप्त करता है और अन्य प्रकार की कूटनीतिक चालें भी चलना जानता है । इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति को राहुदेव का यह गुण स्वभाविक रूप से मिलता है फलत: जातक राजनीति में अव्वल होते है और चतुराई से अपना मकसद पूरा करना जानते है। ये किसी से भी अपना काम आसानी से निकाल लेते हैं। अपनी मधुर वाणी और वाक्पटुता से ये लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। इनकी सफलता और कामयाबी का एक बड़ा राज है, इनमें वक्त की नब्ज़ को पकड़ने की क्षमता का होना व उनके अनुसार अपने आप को तैयार कर लेना। यह अपने सामने वाले व्यक्ति को भी पढ़ना जानते हैं जिससे आसानी से कोई इन्हें मात नहीं दे पाता।इस नक्षत्र के जातक का मस्तिष्क हमेशा क्रियाशील और सक्रिय रहता है ये एक बार जिस काम को करने की सोचते हैं उसमें जी-जान से जुट जाते हैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ये पूरी ताकत झोंक देते हैं, सफलता हेतु साम, दाम, दण्ड, भेद की नीति भी खुल कर अपनाते हैं। ये राजनीति में जितने पारंगत होते हैं उतने ही आध्यत्म में रूचि रखते है। ये स्वयं अध्यात्म को अपनाते हैं और दूसरो को भी इस दिशा में प्रेरित करते हैं। अपने गुणों और क्षमताओं के कारण इनमें अहम की भावना भी कभी कभी दृष्टिगोचर होती है इस नक्षत्र के जातक कभी खाली बैठना पसंद नहीं करते, इनके दिमाग में हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है। ये आम तौर पर प्रत्यक्ष रूप से राजनीति में सक्रिय रहते हैं और अगर प्रत्यक्ष रूप से न भी रहें तो अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक हलकों में इनकी अच्छी पकड़ रहती है, ये राजनेताओं से अच्छे सम्बन्ध बनाकर रखते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति निजी लाभ के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं, ये अपने लाभ के लिए नैतिकता को ताक पर रखने से भी नहीं चूकते हैं। इनके स्वभाव की इस कमी के कारण समाज में इनकी छवि बहुत अच्छी नहीं रहती और लोग इनके लिए नकारात्मक विचार रखने लगते हैं।आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति अपने से विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के प्रति विशेष लगाव रखते हैं । ये सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए काफी लालायित रहते हैं।  हैं।

७.पुनर्वसु के जातक का व्यक्तित्व:-
इस नक्षत्र के विषय में मान्यता है कि जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनमें कुछ न कुछ दैवी शक्ति होती है। इस नक्षत्र के जातक में और क्या गुण होते हैं और उनका व्यक्तित्व कैसा होता है आइये चर्चा करें:ज्योतिषशास्त्र मे कहा गया है कि जो व्यक्ति पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म् लेते हैं उनका हृदय कोमल होता है, उनकी वाणी में कोमलता व मधुरता रहती है। इनका शरीर भारी भड़कम होता है, इनकी स्मरण क्षमता काफी अच्छी होती है, ये एक बार जिस चीज़ को देख या पढ़ लेते हैं उसे लम्बे समय तक अपनी यादों में बसाये रखते हैं। पुनर्वसु के जातक की अन्तदृष्टि काफी गहरी होती है। इनका स्वभाव एवं व्यवहार सरल और नेक होता है जिसके कारण समाज में इनको काफी मान सम्मान एवं आदर प्राप्त होता है।पुनर्वसु नक्षत्र में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वे काफी मिलनसार होते हैं, ये सभी के साथ प्रेम और स्नेह के साथ मिलते है, इनका व्यवहार सभी के साथ दोस्ताना होता है। इनके ऊपर दैवी कृपा बनी रहती है। जब भी इनपर कोई संकट या मुश्किल आती है अदृश्य शक्तियां स्वयं इनकी मदद करती हैं। ये आर्थिक मामलों के अच्छे जानकार होते हैं, वित्त सम्बन्धी मामलों में ये सफलता प्राप्त करते हैं। अंग्रेजी साहित्य में रूचि रखते हैं, और इस भाषा के अच्छे जानकार होते हैं।इस लग्न में जिनका जन्म होता है वे उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करते हैं, अपनी शिक्षा के बल पर ये उच्च पद पर आसीन होते हैं। इन्हें सरकारी क्षेत्र में भी उच्च पद प्राप्त होता है। ये समाज और राजनीति से जुड़े बड़े बड़े लोगों से सम्पर्क बनाए रखते है। ये राजनीति में भी सक्रिय होते हैं, अगर राजनीति में न हों तो अप्रत्यक्ष रूप से नेताओं से निकटता बनाए रखते हैं। इस नक्षत्र के जातक अगर सक्रिय राजनीति में भाग लें तो इन्हें सत्ता सुख प्राप्त होता है .इनका पारिवारिक और वैवाहिक जीवन अत्यंत सुखद होता है। इनके बच्चे शिक्षित, समझदार होते हैं, ये जीवन में कामयाब होकरउच्च स्तर का जीवन प्राप्त करते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति के पास काफी मात्रा में धन होता है। ये अपने व्यवहार और स्वभाव के कारण समाज बेहतर मुकाम हासिल करते हैं।

८ पुष्य नक्षत्र के जातक परिपक्व होते हैं:-
पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनिदेव है । शनि के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव व व्यवहार कैसा होता है आइये इस पर चर्चा करते हैं।ज्योतिषशास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है । वार एवं पुष्य नक्षत्र के संयोग से रवि-पुष्य जैसे शुभ योग का निर्माण होता है । इस नक्षत्र में जिसका जन्म होता है वे दूसरों की भलाई के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, इन्हें दूसरों की सेवा एवं मदद करना अच्छा लगता है।। इन नक्षत्र के जातक को बाल्यावस्था में काफी मुश्किलों एवं कठिनाईयों से गुजरना पड़ता है। कम उम्र में ही विभिन्न परेशानियों एवं कठिनाईयों से गुजरने के कारण युवावस्था में कदम रखते रखते परिपक्व हो जाते हैं।इस नक्षत्र के जातक मेहनत और परिश्रम से कभी पीछे नहीं हटते और अपने काम में लगन पूर्वक जुटे रहते हैं। ये अध्यात्म में काफी गहरी रूचि रखते हैं और ईश्वर भक्त होते हैं। इनके स्वभाव की एक बड़ी विशेषता है कि ये चंचल मन के होते हैं। ये अपने से विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के प्रति काफी लगाव व प्रेम रखते हैं। ये यात्रा और भ्रमण के शौकीन होते हैं। ये अपनी मेहनत से जीवन में धीरे-धीरे तरक्की करते जाते हैं।पुष्य नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति अपनी मेहनत और लगन से जीवन में आगे बढ़ते हैं। ये मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति होते हैं। ये गैर जरूरी चीज़ों में धन खर्च नहीं करते हैं, धन खर्च करने से पहले काफी सोच विचार करने के बाद ही कोई निर्णय लेते हैं। ये व्यवस्थित और संयमित जीवन के अनुयायी होते हैं। अगर इनसे किसी को मदद चाहिए होता है तो जैसा व्यक्ति होता है उसके अनुसार उसके लिए तैयार रहते हैं और व्यक्तिगत लाभ की परवाह नहीं करते।ये अपने जीवन में सत्य और न्याय को महत्वपूर्ण स्थान देते हैं। ये किसी भी दशा में सत्य से हटना नही चाहते, अगर किसी कारणवश इन्हें सत्य से हटना पड़ता है तो, ये उदास और खिन्न रहते हैं। ये आलस्य को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते, व एक स्थान पर टिक कर रहना पसंद नहीं करते।

९.आश्लेषा नक्षत्र के जातक:- 
नक्षत्रों की गणना के क्रम में आश्लेषा नक्षत्र नवम स्थान पर आता है। यह नक्षत्र कर्क राशि के अन्तर्गत आता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुध होता है। इस नक्षत्र को अशुभ नक्षत्र की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि यह गण्डमूल नक्षत्र के अन्तर्गत आता है। इस नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति गण्डमूल नक्षत्र से प्रभावित होते हैं।शास्त्रों का मानना है कि यह नक्षत्र विषैला होता है। प्राण घातक कीड़े मकोड़ो का जन्म भी इसी नक्षत्र में होता है। ऐसी मान्यता है कि इस नक्षत्र में जिनका जन्म होता है व उनमें विष का अंश पाया जाता है। इस नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव, व्यवहार और व्यक्तित्व कैसा होता है आइये इसे और भी विस्तार से जानें:ज्योतिषशास्त्र कहता है आश्लेषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति बहुत ही ईमानदार होते हैं परंतु मौकापरस्ती में भी पीछे नहीं रहते यानी ये लोगों से तब तक बहुत अधिक घनिष्ठता बनाए रखते हैं जबतक इनको लाभ मिलता है। इनका स्वभाव हठीला होता है, ये अपने जिद आगे किसी की नहीं सुनते हैं। भरोसे की बात करें तो ये दूसरे लोगों पर बड़ी मुश्किल से यकीन करते हैं।आश्लेषा नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति बहुत ही बुद्धिमान होते हैं और अपनी बुद्धि व चतुराई से प्रगति की राह में आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। ये अपनी वाणी की मधुरता का भी लाभ उठाना खूब जानते हैं। ये शारीरिक मेहनत की बजाय बुद्धि से काम निकालना जानते है। ये व्यक्ति को परखकर उसके अनुसार अपना काम निकालने में होशियार होते हैं। ये खाने पीने के भी शौकीन होते हैं, परंतु इनके लिए नशीले पदार्थ का सेवन हितकर नहीं माना जाता है।ज्योतिषशास्त्र की मानें तो यह कहता है, जो लोग इस नक्षत्र में पैदा लेते हैं वे व्यवसाय में काफी कुशल होते हैं। ये नौकरी की अपेक्षा व्यापार करना अच्छा मानते हैं, यही कारण है कि इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति अधिक समय तक नौकरी नहीं करते हैं, अगर नौकरी करते भी हैं तो साथ ही साथ किसी व्यवसाय से भी जुड़े रहते हैं। इसका कारण यह है कि ये पढ़ाई लिखाई में तो ये सामान्य होते हैं परंतु वाणिज्य विषय में अच्छी पकड़ रखते हैं। ये भाषण कला में प्रवीण होते हैं, जब ये बोलना शुरू करते है तो अपनी बात पूरी करके ही शब्दों को विराम देते हैं। इनमें अपनी प्रशंसा सुनने की भी बड़ी ख्वाहिश रहती है।इस नक्षत्र में जिनका जन्म होता है वे अच्छे लेखक होते हैं। अगर ये अभिनय के क्षेत्र में आते हैं तो सफल अभिनेता बनते हैं। ये सांसारिक और भौतिक दृष्टि से काफी समृद्ध होते हैं एवं धन दौलत से परिपूर्ण होते हैं। इनके पास अपना वाहन होता है, ये व्यवसाय के उद्देश्य से काफी यात्रा भी करते है। इनमें अच्छी निर्णय क्षमता पायी जाती है। इनके व्यक्तित्व की एक बड़ी कमी यह है कि अगर अपने उद्देश्य में जल्दी सफलता नहीं मिलती है तो ये अवसाद और दु:ख से भर उठते हैं। अवसाद और दु:ख की स्थिति में ये साधु संतों की शरण लेते हैं।इस नक्षत्र के जातक का साथ कोई दे न दे परंतु भाईयों से पूरा सहयोग मिलता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाली स्त्री के विषय में ज्योतिषशास्त्र कहता है कि ये रंग रूप में सामान्य होते हैं, लेकिन स्वभाव एवं व्यवहार से सभी का मन मोह लेने वाली होती है। जो स्त्री इस नक्षत्र के अंतिम चरण में जन्म लेती हैं वे बहुत ही भाग्यशाली होती हैं ये जिस घर में जाती हैं वहां लक्ष्मी बनकर जाती हैं अर्थात धनवान होती हैं।ज्योतिषशास्त्री बताते हैं कि जिनका जन्म इस नक्षत्र में हुआ है उन्हें गण्डमूल नक्षत्र की शांति करवानी चाहिए व भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।

१०.मघा नक्षत्र के जातक का व्यक्तित्व:-
नक्षत्र मंडल में मघा नक्षत्र गिनती में दसवें स्थान पर आता है । मघा नक्षत्र को भी गण्डमूल नक्षत्र की श्रेणी में रखा गया है। मघा नक्षत्र का स्वामी केतु को माना जाता है। इस नक्षत्र के चारों पद सिंह राशि में आते हैं इसलिए सूर्य का प्रभाव भी इस नक्षत्र के जातक पर रहता है क्योंकि राशि का स्वामी सूर्य होता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर नक्षत्र का क्या प्रभाव रहता है और इस प्रभाव के कारण व्यक्ति का स्वभाव, व्यक्तित्व और व्यवहार कैसा होता है आइये देखेंज्योतिषशास्त्रियों की दृष्टि में जो व्यक्ति मघा नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे प्रभावशाली होते हैं। ये  जहां भी रहते हैं अपना दबदबा बनाकर रखते हैं इस नक्षत्र के जातक समझदार होते हैं परंतु क्रोधी भी बहुत होते हैं ये छोटी छोटी बातों पर नाराज़ हो जाते हैं। ये उर्जावान और कर्मठ होते हैं जिस काम का जिम्मा लेते हैं उसे जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करते हैं। इनका दृष्टिकोण हमेशा सकारात्मक रहता है।मघा नक्षत्र के जातकों के विषय में यह कहा जाता है कि ये कभी कभी ऐसा कार्य कर जाते हैं जिससे देखने वाले अचम्भित रह जाते हैं। इनमें स्वाभिमान की भावना प्रबल रहती है, अपने स्वाभिमान के साथ ये कभी समझौता नहीं करते। अपने मान सम्मान को बनाए रखने के लिए ये हर संभव प्रयास करते हैं और सोच विचार कर कार्य करते हैं। जबकि इनके बारे में लोग यह सोचते हैं कि व्यक्ति जल्दबाज है और कोई भी निर्णय सोच समझकर नहीं लेते।इनका ईश्वर में पूर्ण विश्वास होता है। ये ईश्वर में गहरी आस्था रखते हैं। ये सरकार और सरकारी तंत्र से निकट सम्बन्ध बनाकर रखते हैं तथा समाज में भी उच्च वर्ग के लोगों से अच्छे सम्बन्ध बनाए रखते हैं। इन सम्बन्धों के कारण इन्हें काफी लाभ भी मिलता है। ये पूर्ण सांसारिक सुखों का उपभोग करने वाले होते हैं तथा इनके पास कई काम करने वाले होते हैं। धन सम्पत्ति के मामले में ये काफी समझदारी और अक्लमंदी दिखाते है। आर्थिक लाभ का जब मामला होता है तब उसमें पूरी क्षमता लगा देते हैं फलत: सफलता इनके कदमों पर होती है।जहां तक मित्रता का प्रश्न है, इस नक्षत्र के जातकों के बहुत अधिक मित्र नहीं होते हैं, लेकिन जो भी मित्र होते है उनसे अच्छी मित्रता और प्रेम रखते हैं। ये यात्रा के बहुत शौकीन नहीं होते हैं, अगर यात्रा आवश्यक हो तभी सफर पर निकलते हैं अन्यथा घर पर रहना ही पसंद करते हैं। कार्य क्षेत्र में भी ये स्थायित्व को पसंद करते हैं अर्थात स्थिर कार्य करना पसंद करते हैं। बार बार काम में बदलाव लाना इन्हें पसंद नहीं होता।मघा नक्षत्र में जन्म लेने वाली कन्या के विषय में कहा जाता है कि ये स्पष्टवादी होती हैं, इनके मन में जो आता है वे नि:संकोच बोलती हैं। ये हिम्मतवाली होती हैं और इनकी आकांक्षाएं बहुत ऊँची होती हैं

११.पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के जातक:-
जो व्यक्ति पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे संगीत एवं कला के दूसरे क्षेत्र व साहित्य के अच्छे जानकार होते हैं क्योंकि इनमें इन विषयों के प्रति बचपन से ही लगाव रहता है। ये ईमानदार होते हैं व नैतिकता एवं सच्चाई के रास्ते पर चलकर जीवन का सफर तय करते हैं। इनके जीवन में प्रेम का स्थान सर्वोपरि होता है, ये प्रेम को अपने जीवन का आधर मानते हैं। इस नक्षत्र के जातक मार पीट एवं लड़ाई झगड़े से दूर रहना पसंद करते हैं। ये शांति पसंद होते हैं, कलह और विवाद होने पर बातों से समाधान निकालने की कोशिश करते हैं।पूर्वाफाल्गुनी के जातक शांत विचारधारा के होते हैं परंतु जब मान सम्मान पर आंच आने लगता है तो विरोधी को परास्त करने से पीछे नहीं हटते चाहे इसके लिए इन्हे कुछ भी करना पड़े। मित्रों एवं अच्छे लोगों का स्वागत दिल से करते हैं और प्यार से मिलते हैं। इनकी वाणी में मधुरता रहती है तथा अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन करना बखूबी जानते हैं।इस नक्षत्र में पैदा होने वाले व्यक्ति नौकरी से अधिक व्यवसाय में सफल होते हैं। ये स्वतंत्र विचारधारा के व्यक्ति होते हैं ये किसी के दबाव या अधीन रहकर कार्य करना पसंद नहीं करते हैं। इनपर शुक्र पर गहरा प्रभाव होता है, शुक्र के प्रभाव के कारण ये सांसारिक सुखों के प्रति काफी लगाव रखते हैं। ये अपने से विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के प्रति विशेष लगाव रखते हैं। विपरीत लिंग वाले व्यक्ति के प्रति लगाव रहने के कारण इनके प्रेम सम्बन्ध भी काफी चर्चित होते हैं।ये साफ-सफाई व सुन्दर के चाहने वाले होते हैं फलत: ये जीवन में हर वस्तु को व्यवस्थित रूप से रखते हैं। ये अपनी रोजमर्रा की चीजों यथा वस्त्र, पुस्तक एवं अन्य सामान के साथ घर को भी व्यवस्थित और सजा संवार कर रखते हैं। ये मित्र बनाने में निपुण होते हैं फलत: इनकी दोस्ती का दायरा काफी बड़ा होता है। इनके पास काफी मात्रा में धन होता है, और ये हर प्रकार के भौतिक सुखों का आनन्द लेते हैं।इस नक्षत्र में पैदा हाने वाली महिलाओं के विषय में माना जाता है कि वे सुन्दर होती हैं, इनका स्वभाव कोमल होता है परंतु दिखावा और तारीफ सुनना इनके स्वभाव का एक हिस्सा होता है। इनके स्वभाव में चंचलता और अहं का भी समावेश होता है।

१२  उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के जातक:-
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र  में जिन लोगों का जन्म होता है उनका स्वभाव कैसा होता है,  इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है एवं उनके विषय में ज्योतिषशास्त्र क्या कहता है आइये इस पर विचार करें। नक्षत्र मंडल में उत्तराफाल्गुनी १२ वां नक्षत्र होता है । इस नक्षत्र के स्वामी सूर्य होते हैं । यह नक्षत्र नीले रंग का होता है। इस नक्षत्र में जो लोग जन्म लेते हें उनके स्वभाव, व्यक्तित्व एवं जीवन के सम्बन्ध में ज्योतिषशास्त्र क्या कहता आइये इस विषय पर विचार करें।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के जातक उर्जावान होते हैं, ये अपना काम चुस्त फुर्ती से करते हैं। हमेशा सक्रिय रहना इनके व्यक्तित्व की विशेषता होती है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के जातक बुद्धिमान एवं होशियार कहे जाते हैं। ये भविष्य सम्बन्धी योजना बनाने एवं रणनीति तैयार करने में कुशल होते हैं। इनके चरित्र की इस विशेषता के कारण अगर ये राजनीति के क्षेत्र में आते हैं तो काफी सफल होते हैं। राजनीतिक सफलता दिलाने में इनकी कुटनीतिक बुद्धि का प्रबल हाथ होता है।इनके विषय में यह कहा जाता है कि ये बहुत ही महत्वाकांक्षी होते हैं और अपनी महत्वाकांक्षा पूरा करने के लिए हर संभाव प्रयास करते हैं। ये अपना जो लक्ष्य तय कर लेते हैं उसे हर हाल में हासिल करने की चेष्टा करते हैं। उच्च महत्वाकांक्षा होने के कारण इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति छोटा मोटा काम करना पसंद नहीं करते हैं। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति सरकारी क्षेत्र में प्रयास करते हैं तो इन्हें जल्दी और बेहतर सफलता मिलती है। इनके लिए व्यापार एवं व्यवसाय या अन्य निजि कार्य करना लाभप्रद नहीं होता है।जो व्यक्ति उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र  में पैदा होते हैं वे स्थायित्व में यकीन रखते हैं, इन्हें बार बार काम बदलना पसंद नहीं होता है। ये जिस काम में एक बार लग जाते हैं उस काम में लम्बे समय तक बने रहते हैं। मित्रता के सम्बन्ध में भी इनके साथ यह बातें लागू होती हैं, ये जिनसे दोस्ती करते हैं उसके साथ लम्बे समय तक मित्रता निभाते हैं। इनके स्वभाव की विशेषता होती है कि ये स्वयं सामर्थवान होते हुए भी दूसरों से सीखने में हिचकते नहीं हैं। अपने स्वभाव की इस विशेषता के कारण ये निरंतन प्रगति की राह पर आगे बढ़ते हैं। इस राशि के जातक आर्थिक रूप से सामर्थवान होते हैं क्योंकि दृढ़विश्वास एवं लगन के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने हेतु तत्पर रहते हैं।पारिवारिक जीवन के सम्बन्ध में देखा जाए तो ये अपनी जिम्मेवारियों का पालन अच्छी तरह से करते हैं। अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए ये हर संभव सहयोग एवं प्रयास करते हैं। दूसरों पर दबाव बनाने की आदत के कारण गृहस्थ जीवन में तनाव की स्थिति रहती है।सामाजिक तौर पर इनकी काफी प्रतिष्ठा रहती है और ये अपने आस पास के परिवेश में सम्मानित होते हैं। शारीरिक तौर पर ये सेहतमंद और स्वस्थ रहते हैं।

१३अपनी बुद्धि से बनते हैं धनवान हस्त नक्षत्र के जातक:- 
भूमंडल में विचरण करने वाले नक्षत्रों में हस्त नक्षत्र का स्थान तेरहवां है। इस नक्षत्र का स्वामी चन्द्रदेव  है। और इस नक्षत्र की राशि कन्या है। ज्योतिषशास्त्र कहता है जो व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उस पर जीवन भर उस नक्षत्र और उस नक्षत्र की राशि का प्रभाव रहता है। ज्योतिष के इस सिद्धांत पर और भी जानकारी लेते हैं और देखते हैं कि हस्त नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति पर इस नक्षत्र और राशि का क्या प्रभाव होता है।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र  में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर चन्द्रदेव का प्रभाव रहता है, चन्द्रदेव के प्रभाव के कारण व्यक्ति शांत स्वभाव का होता है, परंतु इनका मन चंचल होता है। दूसरों की सहायता करना इन्हें अच्छा लगता है और इसमें बढ़ चढ़ कर आगे आते हैं। इनका व्यक्तित्व आकर्षक और प्रभावशाली होता है।इस नक्षत्र के जातक पर कन्या राशि का प्रभाव होता है जिसके कारण इनकी बौद्धिक क्षमता अच्छी होती है। इनके मस्तिष्क में नई नई योजनाएं उभरती रहती हैं। ये पढ़ने लिखने में तेज होने के साथ ही शब्दों के भी जादूगर होते हैं, अपनी बातों से अपना सिक्का जमा लेते हैं। किसी भी विषय को आसानी से समझ लेने की क्षमता इनमें बचपन से रहती है, आपकी वाणी में मधुरता और चतुराई का समावेश होता है। बौद्धिक क्षमता प्रबल होने के बावजूद एक कमी होती है कि आप किसी विषय में तुरंत निर्णय नहीं ले पाते हैं।आप शांति पसंद होते हैं, कलह और विवाद की स्थिति से आप दूर रहना पसंद करते हैं। आपके मन में एक झिझक रहती है फिर आप नये नये मित्र बना लेते हैं। आप मित्रों से काम निकालना भी खूब अच्छी तरह से जानते हैं। अवसर आने पर जिधर लाभ दिखाई देता है उस पक्ष की ओर हो लेते हैं।इस नक्षत्र के जातक नौकरी की अपेक्षा व्यवसाय करना पसंद करते हैं। व्यवसाय के प्रति लगाव के कारण ये इस क्षेत्र में काफी तेजी से प्रगति करते हैं। आर्थिक रूप से इनकी स्थिति अच्छी रहती है। इनके पास काफी मात्रा में धन होता है। ये हर प्रकार के सांसारिक सुखों का आनन्द लेते हैं और सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं। इनका पारिवारिक जीवन सुखमय और आनन्दमय रहता है। जीवन साथी से इन्हें पूर्ण सहयोग एवं सहायता प्राप्त होती है। अपने कार्यों से ये समाज में मान सम्मान एवं आदर प्राप्त करते हैं।कई मौंकों पर अपने स्वार्थ को प्रमुखता देने के कारण कुछ लोग इन्हें स्वार्थी भी कहने लगते हैं। ये लोगों के कहने पर विशेष ध्यान नहीं देते हैं और जो अपने मन में होता है वही करते हैं, ये अपनी धुन में रहने वाले होते हैं। इन्हें जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है क्योंकि ये अपनी बुद्धि का इस्तेमाल धनोपार्जन में बखूबी कर पाते हैं। अपनी बुद्धि से अर्जित धन के कारण इन्हें कभी भी आर्थिक रूप से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

१४.खुशहाल और सुखमय जीवन जीते हैं चित्रा नक्षत्र के जातक:-
चित्रा नक्षत्र की गिनती शुभ नक्षत्रों में की जाती है। आकाशमंडल में इस नक्षत्र का स्थान चौदहवां है। इस नक्षत्र का स्वमी मंगल ग्रह होता है इस नक्षत्र के दो चरण कन्या राशि में होते हैं और दो तुला राशि में। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र का रंग काला होता है।चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर मंगल ग्रह का और इसके राशियों का भी प्रभाव देखा जाता है। म्रगल और राहु के कारण चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव, व्यवहार और व्यक्तित्व कैसा होता है आइये इस विषय पर हम आप चर्चा में भाग लें। ज्योतिषशास्त्र के मतानुसार जिस व्यक्ति का जन्म चित्रा नक्षत्र में होता है वह व्यक्ति मिलनसार होता है अर्थात वह सभी के साथ बेहतर सम्बन्ध बनाये रखते हैं व जो भी लोग इनके सामने आते हैं उनके साथ खुलकर मिलते हैं। ये उर्जा से भरे होते हैं और इनमें साहस कूट कूट कर भरा होता है ये किसी भी काम में पीछे नहीं हटते हैं और अपनी उर्जा शक्ति से कार्य को पूरा करते हैं। ये विपरीत स्थितियों से घबराते नहीं हैं बल्कि उनका साहस पूर्वक सामना करते हैं और कठिनाईयों पर विजय हासिल करके आगे की ओर बढ़ते रहते हैं।आपके स्वभाव में व्यवहारिकता का पूर्ण समावेश होता है। व्यावहारिकता का दामन थाम कर आगे बढ़ने के कारण आप जीवन में निरन्तर सफलता की राह में आगे बढ़ते रहते हैं। ये काम में टाल मटोल नहीं करते हैं, जो भी काम करना होता है उसे जल्दी से जल्दी पूरा करके निश्चिन्त हो जाना चाहते हैं। आपके व्यवहार और स्वभाव में मानवीय गुण स्पष्ट दिखाई देता है। अपने मानवीय गुणों के कारण आप आदर प्राप्त करते हैं। इनके स्वभाव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन्हें बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और ये किसी बात पर तुरंत उत्तेजित हो जाते हैं। इस नक्षत्र के जातक अगर संयम से काम लें तो इनके लिए बहुत ही अच्छा रहता है। जिन व्यक्तियों का जन्म चित्रा नक्षत्र में होता है वे लोग नौकरी से अधिक व्यवसाय को महत्व देते हैं। व्यवसायिक मामलों में इनकी बुद्धि खूब चलती है, अपनी बुद्धि से ये व्यवसाय में काफी तरक्की करते हैं। इस नक्षत्र के जातक बोलने की कला में भी प्रवीण होते हैं जिसके कारण वकील के रूप में भी सफल होते हैं ज्योतिषशास्त्री बताते हैं कि इस नक्षत्र के जातक की सबसे बड़ी ताकत है “परिश्रम”,  अपनी इस ताकत के कारण ये जिस काम में भी हाथ लगाते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं।चित्रा नक्षत्र का एक महत्वपूर्ण गुण है आशावाद। यह इनका गुण भी है और इनकी ताकत भी, यही कारण है कि ये जल्दी किसी बात से निराश नहीं होते हैं। इनके जीवन में सांसारिक सुखों की कमी नहीं रहती है। ये हर प्रकार के सांसारिक एवं भौतिक सुखों का उपभोग करते हैं ये काफी धनवान होते हैं क्योंकि ये धन दौलत जमा करने के शौकीन होते हैं। आपके पास सवारी के लिए अपना वाहन होता है। इनका पारिवारिक जीवन सुखमय और खुशहाल होता है, आपको अपने जीवनसाथी से पूर्ण सहयोग एवं सुख मिलता है। संतान की दृष्टि से भी आप काफी भाग्यशाली होते हैं, आपकी संतान काफी समझदार और होशियार होती है, अपनी बुद्धि और समझदारी से जीवन में उन्नति कती है। चित्रा नक्षत्र के जातकों को मित्रों एवं रिश्तेदारों से भी समर्थन एवं सहयोग मिलता है। कुल मिलाकर कहा जाय तो चित्रा नक्षत्र में जिनका जन्म होता है उनका जीवन खुशहाल और और सुखमय होता है।

१५.स्वाति नक्षत्र के जातक मोती के समान चमकते हैं:- स्वाति नक्षत्र का स्वरूप मोती के समान है। इसे शुभ नक्षत्रों में गिना जाता है। इस नक्षत्र के विषय में मान्यता है कि, इस नक्षत्र के दौरान जब वर्षा की बूंदें मोती के मुख में पड़ती है तब सच्चा मोती बनता है, बांस में इसकी बूंदे पड़े तो बंसलोचन और केले में पड़े में कर्पूर बन जाता है। यानी देखा जाय तो यह नक्षत्र गुणों को बढ़ाने वाला व्यक्तित्व में निखार लाने वाला होता है। इस नक्षत्र के विषय में यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस नक्षत्र में पैदा लेते हैं वे मोती के समान उज्जवल होते हैं।स्वाति नक्षत्र राहु का दूसरा नक्षत्र है । यह नक्षत्रमंडल में उपस्थित २७ नक्षत्रों में १५वां है  । इसकी राशि तुला होती है। इन सभी के प्रभाव के कारण इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति में सात्विक और तामसी गुणों का समावेश होता है। ये अध्यात्म में गहरी आस्था रखते हैं। आपका जन्म स्वाति नक्षत्र में हुआ है तो आप परिश्रमी होंगे और अपने परिश्रम के बल पर सफलता हासिल करने का ज़ज्बा रखते होंगे।आप राहु के प्रभाव के कारण कुटनीतिज्ञ बुद्धि के होते है, राजनीति में आपकी बुद्धि खूब चलती हैं, राजनीतिक दांव पेंच और चालों को आप अच्छी तरह समझते हैं यही कारण है कि आप सदैव सतर्क और चौकन्ने रहते हैं। आप राजनीति में प्रत्यक्ष रूप से हों अथवा नहीं परंतु अपका व्यवहार आपको राजनैतिक व्यक्तित्व प्रदान करता है। आप अपना काम निकालना खूब जानते हैं। आप परिश्रम के साथ चतुराई का भी इस्तेमाल बखूबी करना जानते हैं। आप इस नक्षत्र के जातक हैं और सक्रिय राजनीति में हैं तो इस बात की संभावना प्रबल है कि आप सत्ता सुख प्राप्त करेंगे।सामाजिक तौर पर देखा जाए तो लोगों के साथ आपके बहुत ही अच्छे सम्बन्ध होते हैं क्योंकि आपक स्वभाव अच्छा होता है। आपके स्वभाव की अच्छाई एवं रिश्तों में ईमानदारी के कारण लोग आपके प्रति विश्वास रखते हैं। आपके हृदय में दूसरों के प्रति सहानुभूति और दया की भावना रहती है। लोगों के प्रति अच्छी भावना होने के कारण आपको जनता का सहयोग प्राप्त होता है और आपकी छवि उज्जवल रहती है।आप स्वतंत्र विचारधारा के व्यक्ति होते हैं अत: आप दबाव में रहकर काम करने में विश्वास नहीं रखते हैं। आप जो भी कार्य करना चाहते है उसमें पूर्ण स्वतंत्रता चाहते हैं। नौकरी, व्यवसाय एवं आजीविका की दृष्टि से इनकी स्थिति काफी अच्छी रहती है। आप चाहे नौकरी करें अथवा व्यवसाय दोनों ही में कामयाबी हासिल करते हैं। आप काफी महत्वाकांक्षी होते हैं और सदैव ऊँचाईयों पर पहुंचने की आकांक्षा रखते हैं।आर्थिक मामलों में भी स्वाति नक्षत्र के जातक भाग्यशाली होते हैं, अपनी बुद्धि और चतुराई से काफी मात्रा में धन सम्पत्ति प्राप्त करते हैं। स्वाति नक्षत्र में पैदा होने वाले व्यक्ति पारिवारिक दायित्व को निभाना बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। अपने परिवार के प्रति काफी लगाव व प्रेम रखते हैं। आप सुख सुविधाओं से परिपूर्ण जीवन का आनन्द लेते हें। आपके व्यक्तित्व की एक बड़ी विशेषता यह होती है कि आप अपने प्रतिद्वंद्वी को सदा पराजित करते हैं और विजयी होते हैं।

१६ सोलहवां नक्षत्र है विशाखा नक्षत्र:-
विशाखा नक्षत्र को नक्षत्र मंडल में 16 वां स्थान प्राप्त है। इस नक्षत्र को त्रिपाद नक्षत्र कहते हैं क्योंकि इसके तीन चरण तुला राशि में होते हैं और अंतिम चरण वृश्चिक में। इसका रंग सुनहरा होता है।इस नक्षत्र के स्वामी देवगुरू बृहस्पति होते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर बृहस्पति और उपरोक्त राशी का भी प्रभाव पड़ता। आइये देखें कि इनके प्रभाव से विशाखा नक्षत्र के जातक का व्यक्तित्व कैसा होता है।ज्योतिषशास्त्र के नियमानुसार जो व्यक्ति विशाखा नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनकी वाणी मीठी होती है, ये किसी से भी कटुतापूर्वक नहीं बोलते हैं। शिक्षा की दृष्टि से इनकी स्थिति अच्छी रहती है, बृहस्पति के प्रभाव से ज्ञान प्राप्ति के लिए बाल्यकाल से इनके अंदर एक उत्सुकता बनी रहती है। ये पठन-पाठन में अच्छे होते हैं जिससे उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करते हैं। इस नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति के विषय में ज्योतिषशास्त्र कहता है कि ये शारीरिक श्रम करने में पीछे रहते हैं जबकि बुद्धि का उपयोग अधिक करते हैं।समाजिक दृष्टि से देखा जाय तो इनका सामाजिक दायरा काफी विस्तृत होता है। ये बहुत ही मिलनसार व्यक्ति होते हैं, लोगों के साथ बहुत ही प्रेम और आदर से मिलते हैं। अगर किसी को इनकी जरूरत होती है तो मदद करने में ये पीछे नहीं रहते हैं यही कारण है कि जब भी इन्हें किसी की मदद की आवश्यक्ता होती है लोग इनकी मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति की विशेषता होती है कि ये किसी भी स्तर के हों परंतु सामजिक सेवा से सम्बन्धित संस्थानों से जुडे़ रहते हैं।पारिवारिक दृष्टिकोण से देखा जाय तो इन्हें संयुक्त परिवार में रहना पसंद होता है। इन्हें अपने परिवार से काफी लगाव व प्रेम होता है एवं अपने पारिवारिक जिम्मेवारियों का निर्वाह करना ये बखूबी जानते हैं। इस नक्षत्र के जातक की कोशिश रहती है कि अधिक से अधिक समय अपने परिवार के साथ व्यतीत हो। इनके अंदर घर के प्रति विशेष लगाव रहता है।आजीविका के संदर्भ में बात करें तो इस नक्षत्र के जातक को नौकरी करना ज्यादा अच्छा लगता है व्यवसाय करने से। सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए ये भरपूर चेष्टा करते हैं। इस नक्षत्र के जातक व्यवसाय भी करते हैं तो किसी न किसी रूप में सरकार से सम्बन्ध बनाये रखते हैं। इनके व्यक्तित्व में विशेष आकर्षण होता है और हृदय विशाल होता है। इनमें मानवीय संस्कार और गुण वर्तमान होते हैं।आर्थिक रूप से विशाखा नक्षत्र के जातक भाग्यशाली कहे जाते हैं, इन्हें अचानक धन का लाभ होता है, ये लॉटरी के माध्यम से भी धन प्राप्त करते हैं। ये धन संग्रह करने के भी शौकीन होते हैं जिसके कारण काफी धन संचय कर पाते हैं। इन्हें जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है, अगर कभी धन की कमी भी महसूस होती है तो वह अस्थायी होती है।विशाखा नक्षत्र के जातक के विषय में ज्योतिषशास्त्र कहता है कि ये बहुत ही महत्वाकांक्षी होते हैं। अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए ये भरपूर परिश्रम करते हैं फलत: इन्हें सफलता मिलती है और ये उच्च पद को प्राप्त करते हैं।

१७.अनुराधा नक्षत्र के जातक अनुभवी एवं सिद्धांतवादी होते हैं:-
अनुराधा नक्षत्र को नक्षत्र मंडल में १७वां स्थान प्राप्त है। इसे शुभ नक्षत्र के रूप में शुमार किया जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है। और इस नक्षत्र की राशि वृश्चिक है और इस राशि का स्वामी मंगल कहलता है। इस नक्षत्र के स्वामी और राशि के स्वामी में वैर भाव होता है। इस स्थिति का जातक पर क्या प्रभाव होता है और उसका व्यक्तित्व एवं स्वभाव कैसा होता है आइये इसे देखें:जो व्यक्ति अनुराधा नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनमें संयम की कमी होती है अर्थात वे अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लग जाते हैं। ये बातों को दिल में नहीं रखते हैं जो भी मन में होता है स्पष्ट बोलते हैं। इनके इस तरह के व्यवहार के कारण लोग इन्हें कटु स्वभाव का समझते हैं।अनुराधा नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति दूसरों पर अपना प्रभाव बनाने की कोशिश करते हैं। जब ये किसी की सहायता करने की सोचते हैं तो दिल से उनकी सहायता करते हैं परंतु जुबान में तीखापन होने के कारण लोग इनसे मन ही मन ईर्ष्या और द्वेष की भावना रखते हैं।इनके जीवन की एक बड़ी विशेषता यह है कि ये जीवन में काफी उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए सफलता की राह में आगे बढ़ते हैं। ये मुश्किलों के बावजूद भी सफलता प्राप्त करते हैं क्योंकि ये लक्ष्य के प्रति गंभीर होते हैं और जो भी अवसर इनके सामने आता है उसका पूरा-पूरा लाभ उठाते हैं। इनकी सफलता का एक और भी महत्वपूर्ण कारण यह है कि ये परिश्रमी होते हैं और वक्त़ का पूरा पूरा सदुपयोग करते हैं।अनुराधा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति नौकरी से अधिक व्यवसाय में रूचि रखते हैं। ये व्यवसाय के प्रति काफी गंभीर होते हैं फलत: व्यवस्थित रूप से अपने व्यापार को आगे ले जाते हैं। इस नक्षत्र के जातक नौकरी करते हैं तो प्रभुत्व वाले पदों पर होते हैं। ये अपने कार्य और जीवनशैली में अनुशासन बनाये रखते हैं। ये जीवन में सिद्धांतों को सबसे अधिक महत्व देते हैं। इनकी अनुशासनप्रियता के कारण लोग इनसे एक निश्चित दूरी बनाये रखना पसंद करते हैं।सिद्धांतवादी होने के कारण इनके गिने चुने मित्र होते हैं, अर्थात इनका सामाजिक दायरा बहुत ही छोटा होता है। इनके इस स्वभाव के कारण भी परिवार में तनाव और विवाद की स्थिति बनी रहती है। ये जीवन का अनुभव अपने संघर्षमय जीवन से प्राप्त करते हैं। जो लोग इनके व्यक्तित्व के गुणों को पहचानते हैं वे इनसे सलाह लेते हैं क्योंकि ये काफी अनुभवी होते हैं।धन सम्पत्ति की स्थिति से विचार किया जाए तो अनुराधा नक्षत्र के जातक के पास काफी धन होता है। ये सम्पत्ति, ज़मीन में धन निवेश करने के शौकीन होते हैं। निवेश की इस प्रवृति के कारण ये सम्पत्तिशाली होते हैं।

१८.ज्येष्ठा नक्षत्र के जातक का व्यक्तित्व:-
ज्येष्ठा नक्षत्र को अशुभ नक्षत्रों की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि यह गण्डमूल नक्षत्रों में शुमार किया जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुधदेव को माना जाता है और इसकी राशि वृश्चिक होती है। मंगलदेव इस राशि का स्वामी होते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर उपरोक्त स्थिति का क्या प्रभाव होता है और इससे व्यक्ति के स्वभाव एवं व्यक्तित्व पर क्या प्रभाव होता है आइये इसे समझते हैं।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे तुनक मिजाजी होते है जिसके कारण छोटी छोटी बातों पर लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। ये काफी फुर्तीले होते हैं और अपने काम को जल्दी से जल्दी निबटा लेते हैं। ये समय की क़ीमत जानतें हैं अत: व्यर्थ समय नहीं गंवाते हैं। इनके व्यक्तित्व की एक बड़ी विशेषता यह होती है कि जो भी काम ये काम करते हैं उसे पूरी तनम्यता और कुशलता के साथ करते हैं।जो व्यक्ति ज्येष्ठा नक्षत्र में पैदा होते हैं वे खुले मस्तिष्क के व्यक्ति होते हैं, ये संकुचित विचारधाराओं में बंधकर नहीं रहते हैं। ये काफी बुद्धिमान होते हैं जिससे किसी भी विषय को तुरंत समझ लेते हैं। बुद्धिमान होने के बावजूद इनके व्यक्ति की एक बड़ी है जल्दबाज़ होना। जल्दबाजी में ये कई बार ग़लती भी कर बैठते हैं। इनके व्यक्तित्व की दूसरी कमी है इनका स्पष्टवादी होना और वाणी में मधुरता की कमी रहना अर्थात कटु बोलना। व्यक्तित्व की इन कमियों के कारण इस नक्षत्र के जातक का सामाजिक दायरा काफी सीमित होता है। सामाजिक दायरा सीमित रहने के बावजूद ये समाज में मान सम्मान प्राप्त करते हैं तथा प्रसिद्धि प्राप्त करते हैंज्योतिष सिद्धान्त के अनुसार जो व्यक्ति ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे नौकरी में हों अथवा व्यवसाय मे दोनों ही में इन्हें कामयाबी मिलती है। नौकरी करने वाले उच्चपद पर आसीन होते हें एवं कई लोग इनके निर्देशन में काम करते हैं। इस नक्षत्र के जो जातक व्यवसाय करते हैं वे व्यवसायिक रूप से काफी सफल होते हैं, इनका व्यवसाय सफलता की राह में आगे बढ़ता रहता है। जीवन के किसी भी क्षेत्र में जब प्रतियोगिता की बात आती है तब ये अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे होते हैं।ज्येष्ठा नक्षत्र के जातक का अपने परिवार के साथ काफी लगाव रहता है। ये अपनी पारिवारिक जिम्मेवारियों को दिल से निभाते हैं। इनके पास काफी मात्रा में धन होता है। ये अनेकानेक स्रोतों से धन लाभ प्राप्त करते हैं। ये ज़मीन ज़ायदाद ख़रीदने के शौकीन होते हैं। इस नक्षत्र के जातक अगर प्रोपर्टी के कारोबार में हाथ डालते हैं तो बहुत बड़े प्रोपर्टी डीलर अथवा बिल्डर बनते हैं। ज्योतिषशास्त्र कहता है कि जो व्यक्ति ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे राजसी ठाठ बाठ के साथ जीवन बीताते हैं। ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति को मूल शांति करा लेनी चाहिए यही ज्योतिष शास्त्र की सलाह है।

१९.दुर्भाग्यशाली नहीं होते मूल नक्षत्र के जातक:-
मूल नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र के अन्तर्गत आता है। यह नक्षत्र बहुत ही अशुभ माना जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी केतु होता है। इस नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में होते हैं। इस नक्षत्र के विषय में यह धारणा है कि जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनके परिवार के सदस्यों को इसके दोष का सामना करना पड़ता है। दोष पर विशेष चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति में कई गुण होते हैं, हमें इन गुणों पर ही अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।ज्योतिषशास्त्र कहता है जो व्यक्ति मूल नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे ईमानदार होते हैं। इनमें ईश्वर के प्रति आस्था होती है। ये बुद्धिमान होते हैं। ये न्याय के प्रति विश्वास रखते हैं। लोगों के साथ मधुर सम्बन्ध रखते हैं और इनकी प्रकृति मिलनसार होती है। स्वास्थ्य के मामले में ये भाग्यशाली होते हैं, ये सेहतमंद होते हैं। ये मजबूत व दृढ़ विचारधारा के स्वामी होते हैं। ये सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। ये अपने गुणों एवं कार्यो से काफी प्रसिद्धि हासिल करते हैं।मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के कई मित्र होते हैं क्योंकि इनमें वफादारी होती है। ये पढ़ने लिखने में अच्छे होते हैं तथा दर्शन शास्त्र में इनकी विशेष रूचि होती है। इन्हें विद्वानों की श्रेणी में गिना जाता है। ये आदर्शवादी और सिद्धान्तों पर चलने वाले व्यक्ति होते हैं अगर इनके सामने ऐसी स्थिति आ जाए जब धन और सम्मान मे से एक को चुनना हो तब ये धन की जगह सम्मान को चुनना पसंद करते हैं।जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे व्यवसाय एवं नौकरी दोनों में ही सफल होते हैं, परंतु व्यवसाय की अपेक्षा नौकरी करना इन्हें अधिक पसंद है। ये जहां भी होते हैं अपने क्षेत्र में सर्वोच्च होते हैं। ये शारीरिक श्रम की अपेक्षा बुद्धि का प्रयोग करना यानी बुद्धि से काम निकालना खूब जानते हैं।अध्यात्म में विशेष रूचि होने के कारण धन का लोभ इनके अंदर नहीं रहता। ये समाज में पीड़ित लोगों की सहायता के लिए कई कार्यक्रमों में सक्रिय भाग लेते हैं। समाज में इनका काफी सम्मान होता है तथा ये प्रसिद्ध होते हैं। इनका सांसारिक जीवन खुशियों से भरा होता है। ये सुख सुविधाओं से युक्त जीवन जीने वाले होते हैं। समाज के उच्च वर्गों से इनकी मित्रता रहती है।ये ईश्वरीय सत्ता में हृदय से विश्वास रखते हैं। इस नक्षत्र के जातक को मूल शांति करा लेनी चाहिए, इससे उत्तमता में वृद्धि होती है और अशुभ प्रभाव में कमी आती है।

२०.पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के जातक:-
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति ईमानदार होते हैं। इनका हृदय विशाल और उदार होता है, इनके हृदय में सभी के प्रति प्रेमभाव रहता है। व्यक्तित्व के इस गुण के कारण समाज में इन्हें काफी आदर और सम्मान मिलता है। ये आशावादी होते हैं जीवन में कठिन से कठिन स्थिति के आने पर भी आशा का दामन नहीं छोड़ते हैं व सदैव प्रसन्न एवं खुश रहने की कोशिश करते हैं।ये स्वभाव से विनम्र होते हैं और विभिन्न कलाओं एवं अभिनय में रूचि रखते हैं। इन्हें साहित्य का भी शौक होता है। ये इनमें से किसी विषय के अच्छे जानकार होते हैं। ये सत्य का आचरण करने वाले होते हैं और शुद्ध हृदय के व्यक्ति होते हैं। इन्हें आदर्श मित्र माना जाता है क्योंकि ये जिनसे मित्रता करते हैं उनसे आखिरी सांस तक मित्रता निभाते हैं। ये अपने वचन के पक्के होते हैं जो भी कहते हैं उसे पूरा करते हैं।आजीविका की दृष्टि से ये जिस क्षेत्र से सम्बन्ध रखते हैं उसमें उच्च पद पर होते हैं। इनके पास काफी मात्रा में धन होता है। ये सुख सुविधाओं से परिपूर्ण आरामदायक जीवन का आनन्द लेते हैं। ये इस धरती पर रहकर स्वर्ग के समान सुख का आनन्द लेते हैं।इनमें अध्यात्म के प्रति रूझान रहता है परंतु ये इसमें गहराई से नहीं उतर पाते हैं क्योंकि ये सुख की कामना करने वाले होते हैं और सांसारिकता में डूबे रहते हैं। इनके उल्लासपूर्ण जीवनशैली के कारण लोग इन्हें जिन्दादिल इंसान की संज्ञा देते हैं। ये ग़म को अपने उपर हावी नहीं होने देते हैं इसलिए इन्हें जोशीला इंसान भी कहा जाता है।

२१.उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के जातकों का व्यक्तित्व:-
नक्षत्र मंडल में उपस्थित सभी नक्षत्र का अपना गुण और प्रभाव होता है। ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार हमारा व्यक्तित्व, जीवन और हमारे विचार एवं व्यवहार आदि उस नक्षत्र और उसके स्वामी एवं राशि और राशि स्वामी से निर्देशित होते हैं जिसमें हमारा जन्म होता है। बात करें उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के विषय में तो इस नक्षत्र के स्वामी सूर्य ग्रह (विश्वदेव) होते हैं।उत्तराषाढ़ा को त्रिपादी नक्षत्र कहते हैं क्योंकि इसके एक चरण धनु में और तीन चरण मकर में होते हैं । इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर उपरोक्त स्थिति का क्या प्रभाव होता है और कैसे पहचाना जा सकता है कि किसी व्यक्ति का जन्म उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में हुआ है।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे खुशमिज़ाज होते हैं और इन्हें हंसी मजाक बहुत ही पसंद होता है। अपने हंसी मजाक के स्वभाव के कारण ये जहां भी रहते हैं अपने आस पास के माहौल को खुशनुमा और दिलकश बना देते हैं। ये सभ्य और संस्कारी होते हैं। ये स्थापित नियमों का पालन करने वाले होते हैं तथा कानून में इनकी पूरी पूरी निष्ठा रहती है इसलिए ग़लत दिशा में कभी कदम उठाने की कोशिश नहीं करते हैं। ये आशावादी होते हैं, किसी भी स्थिति में परिस्थितियों से हार नहीं मानते हैं व सामने आने वाली चुनौतियों का सामना पूरी हिम्मत से करते हैं।शिक्षा के दृष्टिकोण से विचार किया जाए तो ये पढाई लिखाई में काफी होशियार होते हैं,  शिक्षा और अध्ययन में इनकी गहरी रूचि होती है। इस रूचि के कारण ये कुछ विषयों में गहरी जानकारी रखते हैं और विषय विशेष के विद्वान कहलाते हैं।आजीविका की दृष्टि से देखें तो इस नक्षत्र में पैदा होने वाले व्यक्ति नौकरी एवं व्यवसाय दोनों ही में सफल और कामयाब होते हैं, इनके लिए नौकरी एवं व्यवसाय दोनों ही अनुकूल होते हैं। मुश्किल स्थितियों का सामना मुस्कुराते हुए करने का दम खम ये रखते हैं, जिसके कारण निराशा का भाव इनके चेहरे पर कभी नहीं दिखाई देता है।ये हर इंसान से प्रेम भाव एवं अपनापन रखते हैं। अपने चरित्र के इस गुण के कारण ये सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी करते हैं और जनसेवा में सहयोग देते हैं। अपने इस व्यवहार एवं स्वभाव के कारण इनको समाज में गरिमापूर्ण स्थान मिलता है। ये समाज में सम्मानित व प्रमुख लोगों में होते हैं। इनकी मित्रता का दायरा काफी बड़ा होता है। ये मित्रता को दिल से निभाते हैं जिसके कारण मित्रों से परस्पर सहयोग और सहायता इन्हें मिलती है।आर्थिक मामलों पर गौर करें तो इनके पास काफी धन होता है, ये धन सम्पत्ति से परिपूर्ण होते हैं। इन्हें अपने जीवन में धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। अगर कभी धनाभाव भी होता है तो अपनी बुद्धिमानी एवं हिम्मत के बल पर इन पर काबू पा लेते हैं और आर्थिक संकट से निकल आते हैं।

२२.श्रवण नक्षत्र के जातकों का व्यक्तित्व:-
ज्योतिषशास्त्र में नक्षत्रों की महत्ता का बखान मिलता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उस नक्षत्र का प्रभाव व्यक्ति पर जीवन भर रहता है। जन्म नक्षत्र, नक्षत्र स्वामी और उसकी राशि एवं राशि स्वामी से व्यक्ति सदा प्रभावित रहता है। यहां देखते हैं कि श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर इसका प्रभाव होने पर व्यक्ति का व्यक्तित्व, स्वभाव एवं व्यवहार कैसा होता है।ज्योतिषशास्त्र में नक्षत्रों की महत्ता का बखान मिलता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उस नक्षत्र का प्रभाव व्यक्ति पर जीवन भर रहता है । जन्म नक्षत्र, नक्षत्र स्वामी और उसकी राशि एवं राशि स्वामी से व्यक्ति सदा प्रभावित रहता है। यहां देखते हैं कि श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर इसका प्रभाव होने पर व्यक्ति का व्यक्तित्व, स्वभाव एवं व्यवहार कैसा होता है।धर्मशास्त्र में इस नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। इस नक्षत्र का नाम मातृ-पितृ भक्त श्रवण कुमार के नाम पर पड़ा है। इस नक्षत्र का स्वामी चन्द्रमा होता है और इस नक्षत्र के चारों चरण मकर राशि में होते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति में सेवाभाव होता है, ये माता पिता के भक्त होते हैं। इनके व्यवहार में सभ्यता और सदाचार झलकता है।श्रवण मास में जन्म लेने वाले व्यक्ति अपने कर्तव्य को जिम्मेवारी पूर्वक निभाते हैं। ये विश्वास के पात्र समझे जाते हैं क्योंकि अनजाने में भी ये किसी के विश्वास को तोड़ना नहीं चाहते। ये ईश्वर में आस्था रखते हैं और सत्य की तलाश में रहते हैं। पूजा-पाठ एवं अध्यात्म के क्षेत्र में ये काफी नाम अर्जित करते हैं। ये इस माध्यम से काफी धन भी प्राप्त करते हैं। इनके चरित्र की विशेषता होती है कि ये सोच समझकर कोई भी कार्य करते हैं इसलिए सामान्यत: कोई ग़लत कार्य नहीं करते हैं।इस मास में जो लोग पैदा होते हैं उनकी मानसिक क्षमता अच्छी होती है, ये पढ़ाई में अच्छे होते हैं । ये अपनी बौद्धिक क्षमता से योजना का निर्माण एवं उनका कार्यान्वयन करना बखूबी जानते हैं। इनके साथी एक कमी यह रहती है कि छुपे हुए शत्रुओं के भय से कई योजनाओं को इन्हें बीच में ही छोड़ना पड़ता है।इनके अंदर सहनशीलता व स्वाभिमान भरा रहता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले साहसी और बहादुर होते हैं। ये किसी बात को मन में नहीं रखते, जो भी इन्हें महसूस होता है या इन्हें उचित लगता है मुंह पर बोलते हैं यानी ये स्पष्टवादी होते हैं।आजीविका की दृष्टि से इस नक्षत्र के जातक के लिए नौकरी और व्यवसाय दोनों ही लाभप्रद और उपयुक्त होता है। ये इन दोनों में से जिस क्षेत्र में होते हैं उनमें तरक्की और कामयाबी हासिल करते हैं। इन्हें चिकित्सा, तकनीक, शिक्षा एवं कला आदि में काफी रूचि रहती है। इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है क्योंकि ये अनावश्यक खर्च नहीं करते हैं। इनके इस स्वभाव के कारण लोग इन्हें कंजूस भी समझने लगते हैं।अपने नेक एवं सरल स्वभाव के कारण समाज में इनका मान सम्मान काफी होता है और ये आदर पात्र करते हैं।

२३शांति पसंद होते हैं धनिष्ठा नक्षत्र के जातक:-
नक्षत्र मण्डल के २७  नक्षत्रो में धनिष्ठा का स्थान २३वां हैं । इस नक्षत्र के स्वामी मंगलदेव हैं इस नक्षत्र में जो व्यक्ति जन्म लेते हैं उनका व्यवहार, उनकी जीवनशैली एवं उनका स्वभाव सभी कुछ जन्म नक्षत्र उसके स्वामी एवं राशि स्वामी पर निर्भर करता है।आइये जानें कि इस नक्षत्र में जिनका जन्म होता है उनका स्वभाव, व्यवहार एवं व्यक्तित्व कैसा होता है।ज्योतिषशास्त्र के कथनानुसार जो व्यक्ति घनिष्ठा नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे काफी उर्जावान रहते हैं और हर समय कुछ न कुछ करते रहना चाहते हैं। अपनी लगन एवं क्रियाशीलता के कारण ये अपनी मंजिल प्राप्त करने में सफल होते हैं। ये काफी महत्वाकांक्षी होते हैं और जो कुछ मन में ठान लेते हैं उसके प्रति निश्चय पूर्वक तब तक जुटे रहते हैं जबतक की कार्य सफल न हो जाएं। इस नक्षत्र के जातक अधिकार जमाने में काफी आगे रहते। इन्हें लोगों पर अपना प्रभाव बनाये रखना पसंद होता है। ये जो भी कार्य करते हें उसमें सावधानी का ख्याल रखते हैं और हमेशा सचेत रहते हैं। इनके अंदर स्वाभिमान की भावना भरी होती है। आमतौर पर ये कलह एवं विवाद की स्थिति से दूर रहते हैं परंतु जब विवाद को टालना मुश्किल हो जाता है तब ये उग्र हो जाते हैं, अपनी उग्रता में ये हिंसक भी हो सकते हैं।धनिष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता अच्छी होती है। ये किसी भी विषय में तुरंत निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। इसमें इन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं महसूस होती है। अपनी निर्णयात्मक क्षमता से ये जीवन में अच्छी सफलता हासिल करते हैं।इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति नौकरी को व्यवसाय से अधिक तरजीह देते हैं अर्थात नौकरी करना इन्हें अधिक पसंद होता है। ये नौकरी में हों या व्यवसाय में दोनों में ही उच्च स्थिति में रहते हैं। इनके लिए अभियंत्रिकी यानी इंजीनियरिंग व हार्ड वेयर का क्षेत्र अधिक अनुकूल रहता है। व्यवसाय की दृष्टि से इनके लिए प्रोपर्टी का काम अधिक लाभप्रद होता है।इनके विषय में कहा जाता है कि ये बहुत ही पराक्रमी होते हैं, अपने पराक्रम से जीवन में आने वाली परेशानियों एवं विपरीत परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करते हैं। ये अपने मान सम्मान को जीवन में सबसे अधिक महत्व देते हैं, इन्हें जब भी यह एहसास होता है कि इनके मान सम्मान को ठेस लगने वाला है ये उग्र हो उठते हैं। निष्कर्ष तौर पर कहा जा सकता है कि ये शांतिपूर्ण तरीके से जीने की इच्छा रखते हैं। ये किसी भी प्रकार के विवादों से दूर रहना चाहते हैं। ये बहुत अधिक महत्वाकांक्षी नहीं होते हैं। संगीत से इन्हें बहुत लगाव रहता है।

२४.शतभिषा नक्षत्र के जातकों का व्यक्तित्व:-
इस नक्षत्र मे जो व्यक्ति पैदा होते हैं उनपर जीवन भर उपरोक्त कारकों का प्रभाव होता है । इस प्रभाव से व्यक्ति का जीवन और व्यक्तित्व किस प्रकार प्रभावित होता है चलिए इसका पता करें।ज्योतिषशास्त्र के मतानुसार इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति हिम्मती होते हैं व इनके अंदर साहस भरा होता है।  इनके इरादे काफी मजबूत और बुलंद होंते हैं जो एक बार तय कर लेते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। इनके अंदर जिम्मेवारियों का भी एहसास होता है अत: अपनी जिम्मेवारी को पूरी तरह निभाने की कोशिश करते हैं।इनकी सोच राजनीति से प्रेरित होती है और ये राजनीतिक दांव पेच में माहिर होते हैं। ये शारीरिक श्रम में विश्वास नहीं करते हैं अर्थात शारीरिक शक्ति की अपेक्षा बुद्धि का इस्तेमाल करने में भरोसा करते हैं। इस नक्षत्र में जो लोग पैदा होते हैं उनके विषय में माना जाता है कि ये स्वच्छंद विचारधारा के होते है अत: साझेदारी की अपेक्षा स्वतंत्र रूप से कार्य करना पसंद करते हैं।इनके स्वभाव में आलस्य का समावेश रहता है ये मौज मस्ती करना पसंद करते हैं, ये आराम तलब होते हैं। जिन्दग़ी को मशीन की तरह जीना इन्हें अच्छा नहीं लगता है बल्कि ये उन्मुक्त रूप से अपने अंदाज़ में जीवन का लुत्फ़ लेना चाहते हैं।शतभिषा नक्षत्र में जो लोग जन्म लेते हैं वे किसी भी स्थिति में घबराते नहीं हैं बल्कि परिस्थितियों एवं परेशानियों का डटकर मुकाबला करना पसंद करते हैं। इनके अन्दर का विश्वास और ताकत इन्हें बल प्रदान करता है जिससे ये कठिन से कठिन स्थिति पर विजय प्राप्त करते हैं। इनके व्यक्तित्व की एक विशेषता यह भी है कि अगर कोई इनसे शत्रुता करता है तो ये उनको पराजित कर देते हैं।इनका सामाजिक दायरा बहुत बड़ा नहीं रहता है क्योंकि ये समाज में लोगों से अधिक मेलजोल रखना पसंद नहीं करते। इनके मित्रों की संख्या भी सीमित रहती है। इस नक्षत्र के जातक अपने काम से मतलब रखने वाले होते हैं अत: अपने सहकर्मियों से अधिक मेल जोल रखना पसंद नहीं करते हैं।इनकी आर्थिक स्थिति इनकी बुद्धि की देन होती है यानी ये अपनी बुद्धि के द्वारा धनोपार्जन करते हैं। ये अपनी बुद्धि से कभी कभी ऐसे कार्य कर जाते हैं जिससे देखने वाले और सुनने वाले चकित रह जाते हैं।

२५.पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के जातकों का व्यक्तित्व:-
नक्षत्रों की दुनियां में पूर्वाभाद्रपद का स्थान २५वां हैं। इस नक्षत्र के स्वामी बृहस्पति यानी गुरू होते हैं। इस नक्षत्र का एक चरण मीन में होता है और तीन चरण कुम्भ में रहता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति का स्वभाव व्यक्तित्व एवं उनकी जीवनशैली कैसी होती है आइये इस पर विचार करें।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र में जिनका जन्म होता है वे सत्य का आचरण करने वाले एवं सच बोलने वाले होते हैं । ये ईमानदार होते हैं अत: छल कपट और बेईमानी से दूर रहते हैं। ये आशावादी होते हैं यही कारण है कि ये किसी भी स्थिति में उम्मीद का दामन नहीं छोड़ते हैं।पूर्वाभाद्रपद में जिनका जन्म होता है वे व्यक्ति परोपकारी होते हैं । ये दूसरों की सहायता करने हेतु सदैव तत्पर रहते हैं। जब भी कोई कष्ट में होता है उसकी मदद करने से ये पीछे नहीं हटते हैं। ये व्यवहार कुशल एवं मिलनसार होते हैं, ये सभी के साथ प्रेम एवं हृदय से मिलते हैं। मित्रता में ये समझदारी एवं ईमानदारी का पूरा ख्याल रखते हैं।इस नक्षत्र में पैदा होने वाले व्यक्ति शुद्ध हृदय के एवं पवित्र आचरण वाले होते हैं। ये कभी भी व्यक्ति का अहित करने की चेष्टा नहीं करते हैं। इनके व्यक्तित्व की इस विशेषता के कारण इनपर विश्वास किया जा सकता है।शिक्षा एवं बुद्धि की दृष्टि से देखा जाए तो इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति काफी बुद्धिमान होते हैं। इनकी रूचि साहित्य में रहती है। साहित्य के अलावा ये विज्ञान, खगोलशास्त्र एवं ज्योतिष में पारंगत होते हैं एवं इन विषयों के विद्वान होते हैं। ये अध्यात्म सहित भिन्न भिन्न विषयों की अच्छी जानकारी रखते हैं तथा ज्योतिषशास्त्र के भी अच्छे जानकार होते हैं। ये आदर्शवादी होते हैं, ये ज्ञान को धन से अधिक महत्व देते हैं।आजीविका की दृष्टि से नौकरी एवं व्यवसाय दोनों ही इनके लिए अनुकूल होता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति व्यवसाय की अपेक्षा नौकरी करना विशेष रूप से पसंद करते हैं। ये नौकरी में उच्च पद पर आसीन होते हैं। अगर ये व्यवसाय करते हैं तो पूरी लगन और मेहनत से उसे सींचते हैं। इन्हें साझेदारी में व्यापार करना अच्छा लगता है।इनमें जिम्मेवारियों का पूरा एहसास होता है। ये अपने कर्तव्य का निर्वाह ईमानदारी से करते हैं। नकारात्मक विचारों को ये अपने ऊपर हावी नहीं होने देते तथा आत्मबल एवं साहस से विषम परिस्थिति से बाहर निकल आते हैं। 

२६.उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के जातकों का व्यक्तित्व:- 
उत्तराभाद्रपद में जन्म लेने वाले व्यक्ति हवाई किले नहीं बनाते हैं अर्थात ये यथार्थ और सच में विश्वास रखते हैं। चारित्रिक रूप से ये काफी मजबूत होते हैं, ये विषय वासनाओं की ओर आकर्षित नहीं होते, ये अपनी बातों पर कायम रहते हैं जो कहते हैं वही करते हैं। इनके हृदय में दया की भावना रहती है। जब भी कोई कमज़ोर या लाचार व्यक्ति इनके सामने आता है ये उसकी मदद करने हेतु तैयार रहते हैं। इनके मन में धर्म के प्रति आस्था रहती है व धार्मिका कार्यों से भी ये जुडे रहते हैं। जो भी इनके सम्पर्क में रहता है उन्हें ये सेवा एवं धर्म के प्रति प्रेरित करते हैं।जो व्यक्ति इस नक्षत्र में पैदा होते हैं वे ज्योतिषशास्त्र के अनुसार काफी परिश्रमी होते हैं अत: मेहनत करने से पीछे नहीं हटते हैं। इनमें साहस भी रहता है इसलिए परिस्थितयों से भयभीत नहीं होते बल्कि आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए डटे रहते हैं। ये सिद्धांत को तरजीह नहीं देते हैं बल्कि व्यवहारिकता में विश्वास रखते हैं।ये व्यापार करें अथवा नौकरी दोनों ही स्थिति में सफल होते हैं, सफलता का कारण है इनका कर्मयोगी होना यानी कर्म में विश्वास रखना। अपनी मेहनत और कर्म से ये ज़मीं से आसमां का सफर तय करते हैं यानी सफलता की सीढियों पर पायदान दर पायदान चढ़ते जाते हैं। ये अपनी मेहनत और लगन से सांसारिक सुखों का अर्जन करते हैं और उनका उपभोग करते है।जिनका जन्म उत्तराभाद्रपद में होता है वे अध्यात्म, दर्शन एवं रहस्यमयी विद्याओं में गहरी रूचि रखते हैं। समाज में इनकी गिनती भक्त और विद्वान के रूप में की जाती है। ये सामजिक संस्थाओं से सम्बन्ध रखते हुए भी एकान्त में रहना पसंद करते हैं। ये त्यागी प्रवृति के होते हैं तथा दान देने में विश्वास रखते हैं। समाज में अपने व्यक्तित्व के कारण काफी सम्मान एवं आदर प्राप्त करते हैं इनकी वृद्धावस्था सुख एवं आनन्द से व्यतीत होती है।आर्थिक रूप से ये काफी सम्पन्न रहते हैं क्योंकि धन का संचय समझदारी एवं अक्लमंदी से करते हैं।

२७.रेवती नक्षत्र के जातकों का व्यक्तित्व:-
नक्षत्र मंडल में रेवती का स्थान २७वां हैं। यह आखिरी नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के विषय में ज्योतिषशास्त्र क्या कहता है आइये इसकी जानकारी प्राप्त करें।रेवती नक्षत्र का स्वामी बुध होता है और राशि स्वामी बृहस्पति होता है । इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर इस नक्षत्र के स्वामी और राशि एवं राशि स्वामी का स्पष्ट प्रभाव होता है।जो व्यक्ति रेवती नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे ईमानदार होते हैं । ये किसी को धोखा देने की प्रवृति नहीं रखते हैं। इनके स्वभाव की एक बड़ी विशेषता यह होती है कि ये अपनी मान्यताओं पर एवं निश्चयो पर कायम रहते हैं अर्थात दूसरों की बातों को जल्दी स्वीकार नहीं करते हैं। मान्यताओं के प्रति जहां ये दृढ़निश्चयी होते हैं वहीं व्यवहार में लचीले भी होते हैं अर्थात अपना काम निकालने के लिए ये नरम रूख अपनाते हैं। व्यक्तित्व की इस विशेषता के कारण ये कामयाबी की राह पर आगे बढ़ते हैं।ये चतुर व होशियार होते हैं। इनकी बुद्धि प्रखर होती है। इनकी शिक्षा का स्तर ऊँचा होता है। अपनी बुद्धि के बल पर ये किसी भी काम को तेजी से सम्पन्न कर लेते हैं। इनमें अद्भूत निर्णय क्षमता पायी होती है। ये विद्वान होते हैं व इनकी वाणी में मधुरता रहती है, दूसरों के साथ इनका व्यवहार अच्छा रहता है। इस नक्षत्र में पैदा होने वाले व्यक्ति अच्छे मित्र साबित होते हैं तथा जीवन की सभी बाधाओं को पार कर आगे की ओर बढ़ते रहते हैं।सामाजिक क्षेत्र में इस नक्षत्र में पैदा होने वाले व्यक्ति काफी सम्मानित होते हैं। समाज में एकता और लोगो के बीच प्रेम व सौहार्द बनाये रखने में ये कुशल होते हैं। समाज में इनकी गिनती प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में होती है। ये अध्यात्म में गहरी रूचि रखते हैं। इनमें गहरी आस्था होती है और ये भक्त के रूप में समाज में जाने जाते हैं। इनमें नौकरी के प्रति विशेष लगाव होता है यानी ये नौकरी करना पसंद करते हैं। अपनी मेहनत, बुद्धि एवं लगन से ये नौकरी में उच्च पद को प्राप्त करते हैं। अगर इस नक्षत्र के जातक व्यापार करते हैं तो इस क्षेत्र में भी इन्हें अच्छी सफलता मिलती है और व्यवसायिक रूप से कामयाब होते हैं।रेवती नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति सुख की इच्छा रखने वाले होते हैं। इनका जीवन सुख और आराम में व्यतीत होता है। ये आर्थिक रूप से काफी सम्पन्न और सुखी होते हैं।

सुनील भगत 


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